पारस का बाज़ार
कैसी लड़की चाहिए
देवरानी की अपनी जन्म भूमि
सुल्तान की महफ़िल में मचलती हुई मोहब्बत
हाथ में अंगूठी
मैं न घर की रहूंगी न घाट की।