एक मर्द का साथ
बलदेव - महारानी इश्क़ में आगे बढ़ने लगे
बेहद खूबसूरत
उलझन में देवरानी, मित्रों का आगमन
राजकाज के बारे में जानना
देवरानी बलदेव की सुहागरात
जो जीता वो महाराजा
विवाह की तयारी
बात बन गयी
प्यासे प्रेमी
बलदेव का इश्क़, शमशेर का मंसूबा
आज मत जाओ
घटराष्ट्र की रक्षा का प्रण
नदी के तट पर
पारस का बाज़ार
बला टली
राज के साझेदार
बलदेव - महारानी सुहागरात - पहला सम्भोग
घटराष्ट्र पर हमला हुआ और बलदेव बच गया
मामा के देवगढ़ राज्य में
हाय बुढ़ापा !
पारस जाने की तयारी और यात्रा की शुरुआत
प्रेमियों का दुश्मन राजा
हाथ में अंगूठी
देवरानी की अपनी जन्म भूमि
देवगढ़ राज्य जाने की तय्यारी
बेवस प्रेमी अब क्या करे
क्या करें, कहाँ जाएँ ?
बलदेव बना रसिया
सुल्तान की महफ़िल में मचलती हुई मोहब्बत
खुलम खुला प्यार
महत्वपूर्ण भावुक निर्णय का दिन
सुहाना सपना
दाग-शक के बीज
कैसी लड़की चाहिए
कैसी पत्नी चाहिए
देवरानी का फैसला !
युद्ध
मन में उथल पुथल
गलतफहमी का स्पष्टीकरण
बाल बाल बचे
बड़े अच्छे हैं
मेले में रानी का नृत्य
बलदेव देवरानी और शमशेरा, दोस्ती समझौते की राह
प्रथम भेंट में कुछ प्रेम भरी शिकायते
देवरानी द्वारा बलदेव को लुभा कर मनाना
पारस का राजकुमार जीवित है
शिलाजीत, आम-बड़े रस भरे आम
मायके चलने का अनुरोध
मिलन - भाई बहन, और सेनापति महारानी सृष्टि का
संकट में प्रेमी
इधर सेनापति की खोटी नियत उधर पारस में ख़ुशामदीद बहना
मैं न घर की रहूंगी न घाट की।
महारानी की नाराज़गी
इश्क़ का रोग बढ़ता गया
घोड़ी, घोडा, चूहा, शेर, शेरनी, बंदरिया
कोठे पर रेशमा और शमशेरा
हूरिया और सुल्तान, आम दशहरी या मालदा
मुसीबतो का पहाड़
घटराष्ट्र पर संकट
रूठना मनाना प्यार मोहब्बत
सीमा की सुरक्षा
देवरानी का असमंजस
प्रेम प्रतिज्ञा
राज की बात
मायके (पारस) जाने की अनुमति
अलविदा सुलतान, मल्लिका शमशेरा, मामा और पारस!
प्यार से समझाओ
बलदेव देवरानी के साथ अपने प्रेम के बारे में मित्रो को बताता
मक्कार राजा रतन सिंह देवरानी पर मोहित हुआ
2.5.11 पिताजी राजमाता, सोंधी माटी की खुशबु
2.5.12 पिताजी राजमाता रोकने का अब कोइ कारण नहीं था
मेरे प्रेम में कैसे पड़े
सुहागरात से प्रेम गहरा हुआ